इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि मधुमेह रोगियों में 42% लोगों में मैग्नीशियम की कमी और 28% लोगों में आयरन की कमी पाई गई। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यह कमी न केवल ब्लड शुगर नियंत्रण को प्रभावित कर सकती है, बल्कि अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है।
विटामिन D की भूमिका और इसकी कमी के प्रभाव
विटामिन D एक वसा-घुलनशील पोषक तत्व है, जो हड्डियों, प्रतिरक्षा प्रणाली और इंसुलिन संवेदनशीलता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स से भी इसे प्राप्त किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, विटामिन D की कमी मधुमेह से ग्रसित लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है, क्योंकि यह इंसुलिन स्राव और ब्लड शुगर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया कि महिलाओं में विटामिन D की कमी का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। शोधकर्ताओं ने इस स्थिति को "हिडन हंगर" (छिपी हुई भूख) करार दिया, जो तब होती है जब किसी व्यक्ति के शरीर में आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी होती है, भले ही उसे पर्याप्त कैलोरी मिल रही हो।
मधुमेह रोगियों में विटामिन D की कमी के कारण
- सूर्य के प्रकाश की कमी: शहरी जीवनशैली और इनडोर कार्य संस्कृति के कारण पर्याप्त धूप नहीं मिलती।
- गलत आहार: विटामिन D युक्त भोजन की कमी से यह समस्या बढ़ सकती है।
- मोटापा: विटामिन D वसा में घुलनशील होता है, और अधिक चर्बी इसे अवशोषित कर सकती है।
- उम्र बढ़ने के साथ कमी: वृद्ध लोगों में विटामिन D का संश्लेषण कम हो जाता है।
विटामिन D की कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
ब्लड शुगर नियंत्रण में कठिनाई: विटामिन D की कमी से इंसुलिन संवेदनशीलता घट सकती है, जिससे शुगर लेवल बढ़ सकता है।
हृदय रोगों का खतरा: विटामिन D की कमी उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी: शरीर संक्रमण और सूजन से लड़ने में कमजोर हो सकता है।
हड्डियों की कमजोरी: विटामिन D, कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, और इसकी कमी से हड्डियों की कमजोरी हो सकती है।
न्यूरोपैथी और नसों की क्षति: मधुमेह रोगियों में नर्व डैमेज आम समस्या होती है, और विटामिन D की कमी इसे और खराब कर सकती है।
विटामिन D की कमी से बचाव और उपचार
विटामिन D युक्त आहार:
खाद्य पदार्थ | विटामिन D (IU प्रति 100 ग्राम) |
---|---|
सैल्मन मछली | 600-1000 IU |
ट्यूना मछली | 268 IU |
अंडे की जर्दी | 37 IU |
मशरूम | 100-400 IU |
फोर्टिफाइड दूध | 115-130 IU |
निष्कर्ष: मधुमेह में विटामिन D का महत्व
अध्ययन के अनुसार, 60% से अधिक मधुमेह रोगियों में विटामिन D की कमी पाई जाती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण, हड्डियों की मजबूती, और हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह रोगियों को नियमित रूप से विटामिन D की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह से उचित आहार और जीवनशैली अपनानी चाहिए।