अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: Esther paul की दृढ़ता और साहस की कहानी, जो यह साबित करती है कि जीवन की हर मुश्किल को शिक्षा और मेहनत से पार किया जा सकता है।
Esther Paul की कहानी एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसने जीवन की तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक कठिनाइयाँ
Esther का जन्म 22 सितंबर 1996 को पूर्वी दिल्ली में एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता एक निजी काम करते थे और उनकी माँ अक्सर बीमार रहती थीं। परिवार किराए के घर में रहता था और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उनके बुआ और-दादा ने उन्हें Esther paul नाम दिया।
कुछ समय बाद, उनका परिवार देहरादून के विकासनगर में दादा-दादी के पास चला गया, जहाँ उनका एक कच्चा घर था। बचपन में ही एस्तेर ने अपने दादा जॉन मसीह को खो दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई, और उनके पिता को बच्चों की शिक्षा के लिए जमीन बेचनी पड़ी।
जैसे-जैसे Esther बड़ी हुईं, उनकी माँ की तबीयत और बिगड़ती गई। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। उनके पिता ने उनके भाई को दादी के पास छोड़कर Esther को देहरादून के क्लेमेनटाउन में एक हॉस्टल में भर्ती कराया। उनकी माँ का इलाज दिल्ली में चल रहा था। कुछ समय के लिए उनकी माँ की तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन 30 नवंबर 2007 को एस्तेर ने अपनी माँ को हमेशा के लिए खो दिया।
दुखों का पहाड़
माँ की मृत्यु के बाद, एस्तेर के लिए हॉस्टल में रहना मानसिक रूप से बहुत कठिन था। लेकिन उन्होंने अपने पिता के सहारे पर भरोसा रखा और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। चार साल बाद, जब वे नौवीं कक्षा में थीं, तो उन्होंने अपने पिता को भी खो दिया।
यह एस्तेर के लिए एक बहुत बड़ा झटका था। उन्होंने चार साल तक लगातार डिप्रेशन का सामना किया। अब घर पर उनकी बूढ़ी दादी और भाई थे। उनके पिता के गुजरने के अगले साल उनकी दादी भी चल बसीं।
शिक्षा और संघर्ष
Esther ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने भाई को समझाया और भाई के साथ ही छोटे-मोटे काम करके अपनी शिक्षा जारी रखी। 12वीं कक्षा के बाद, एस्तेर ने लखनऊ के डॉन बॉस्को टेक्निकल इंस्टीट्यूट से सेक्रेटरी की ट्रेनिंग ली और नौकरी की तलाश में लग गईं।
उन्होंने सेक्रेटरी, कॉलिंग, बैंक आदि कई जगहों पर काम किया और अपने भाई को आगे की पढ़ाई के लिए मदद की। साथ ही, उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। उन्होंने दिल्ली के राजौरी गार्डन से दो साल का एनपीटीटी टीचिंग का डिप्लोमा लिया और एक टीचिंग करियर की शुरुआत की।
शिक्षण करियर और उपलब्धियाँ
Esther Paul का पहला अनुभव राजस्थान के कोटपुतली में डिस्कवरी इंटरनेशनल स्कूल में था, जहाँ उन्होंने चार साल तक अपना योगदान दिया। उनका लॉकडाउन भी वहीं बीता।
एस्तेर ने आवासीय स्कूल में जीवन में अकेलेपन का सामना करते हुए अपनी शिक्षा जारी रखी और आगे बढ़ीं। उन्होंने आरपीएस इंटरनेशनल जैसे जाने-माने स्कूल में भी अपना योगदान दिया।
पिछले दो सालों से, वे अरावली पब्लिक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में काम कर रही हैं। उनके पास लगभग छह साल का अनुभव है और उन्होंने अब तक लगभग 2000 बच्चों को शिक्षित किया है।
एस्तेर पॉल की प्रेरणादायक बातें
- जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
- शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है, जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं।
- हमें हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
- हमें दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
- महिलाओं में असीम क्षमता होती है, और वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।
- हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।
- हमें अपनी पहचान पर गर्व होना चाहिए।
- हमें अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
- हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
एस्तेर पॉल की कहानी से महिलाओं के लिए प्रेरणा
एस्तेर पॉल की कहानी सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं, चाहे उन्हें कितनी भी चुनौतियों का सामना करना पड़े। उनकी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।
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Esther paul अपने क्लास के बच्चों के साथ |
Esther Paul का समाज के लिए संदेश
"मैं सभी महिलाओं से कहना चाहती हूं कि वे अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। हमें कभी भी डरना नहीं चाहिए और हमेशा अपनी आवाज उठानी चाहिए। हम सभी में दुनिया को बदलने की शक्ति है।"
एस्तेर पॉल की भविष्य की योजनाएँ
एस्तेर पॉल का लक्ष्य है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखें और अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षित करें। वे महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी काम करना चाहती हैं और उन्हें नेतृत्व भूमिकाओं में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हैं।
Esther Paul की कहानी सिर्फ एक कहानी नहीं है, यह एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। एस्तेर ने अपने जीवन में बहुत कुछ खोया, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने शिक्षा को अपना हथियार बनाया और अपने सपनों को पूरा किया।
आज, एस्तेर एक सफल शिक्षिका हैं और हजारों बच्चों के जीवन को बदल रही हैं। उनकी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि एक महिला कितनी मजबूत हो सकती है और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकती है।
जब हम एस्तेर की कहानी को सुनते हैं, तो हमारे दिलों में उम्मीद और प्रेरणा की भावना जागृत होती है। हमें यह एहसास होता है कि हम भी अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल कर सकते हैं, अगर हम ठान लें। एस्तेर पॉल की कहानी हमें याद दिलाती है कि आशा और दृढ़ संकल्प की शक्ति से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। वे न केवल एक शिक्षिका हैं, बल्कि उन सभी के लिए एक प्रकाशस्तंभ हैं जो अंधेरे में रास्ता खोज रहे हैं। उनकी मुस्कान, उनके शब्द, और उनकी अटूट भावना, हर किसी के दिल को छू जाती है, जो उनकी कहानी सुनता है। एस्तेर पॉल की कहानी सिर्फ एक कहानी नहीं, एक जीवन दर्शन है, जो हमें सिखाता है कि जीवन की हर चुनौती को शिक्षा और मेहनत से जीता जा सकता है।