नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर हमें हमेशा सतर्क और तैयार रहना चाहिए, खासकर साइबर और हाइब्रिड युद्ध जैसी नई चुनौतियों के प्रति। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आंतरिक सुरक्षा केवल आतंकवाद, अलगाववाद और वामपंथी उग्रवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें असामान्य खतरों से निपटने की तैयारी भी जरूरी है, जो देश के आर्थिक और रणनीतिक हितों को प्रभावित कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। - फोटो : पीटीआईनई तकनीकों से लैस हो रहे दुश्मन
रक्षा मंत्री ने आगाह किया कि आज के दुश्मन पारंपरिक हथियारों से नहीं आते, बल्कि वे साइबर हमलों, गलत सूचना अभियानों (डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन) और अंतरिक्ष आधारित जासूसी के जरिए देश की सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन आधुनिक खतरों से निपटने के लिए नई और उन्नत तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है।
राजनाथ सिंह ने यह बातें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहीं, जिसका विषय "आंतरिक सुरक्षा और आपदा राहत कार्यों के लिए उन्नत तकनीकी" था।
सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के लिए सहयोग की जरूरत
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में बढ़ती चुनौतियों और आंतरिक एवं बाहरी खतरों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के बीच का अंतर धीरे-धीरे मिट रहा है। इसलिए, सभी सुरक्षा एजेंसियों और संस्थानों को मिलकर काम करना होगा ताकि भारत को सुरक्षित, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए समग्र दृष्टिकोण जरूरी
रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को समग्र दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों को एकीकृत (इंटीग्रेट) करने और नई तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने से ही भारत की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है।
डीआरडीओ की अहम भूमिका
रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ (DRDO) की सराहना करते हुए कहा कि संगठन ने भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ न केवल बाहरी सुरक्षा बल्कि आंतरिक सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने बताया कि छोटे हथियारों और बुलेटप्रूफ जैकेट से लेकर एडवांस निगरानी और संचार प्रणालियों तक, डीआरडीओ द्वारा किए गए नवाचार हमारे सुरक्षा बलों को अधिक शक्तिशाली और सक्षम बना रहे हैं।
देश की सुरक्षा के लिए आगे क्या?
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा रणनीतियों को लगातार अपडेट करने और नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है, ताकि देश किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले वर्षों में साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेस डिफेंस जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करना बेहद जरूरी होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान से साफ है कि भारत अब पारंपरिक खतरों के साथ-साथ नए और उभरते साइबर एवं हाइब्रिड खतरों के लिए भी खुद को तैयार कर रहा है। आने वाले समय में सुरक्षा की नई चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी नवाचार और विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता होगी।