महाशिवरात्रि 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि सबसे पावन पर्वों में से एक माना जाता है। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि 2025 कब है, इसका महत्व क्या है, पूजा विधि क्या है, और इस दिन के शुभ मुहूर्त क्या हैं।
महाशिवरात्रि 2025 कब है?
पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि 2025 फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी। इस बार यह पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन शिव भक्त व्रत रखकर महादेव की विशेष पूजा करते हैं और पूरी रात जागरण कर भगवान शिव का ध्यान करते हैं।
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और समय:
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 मिनट से
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025 को सुबह 08:54 मिनट तक
- महाशिवरात्रि व्रत पर्व: 26 फरवरी 2025 (उदया तिथि के अनुसार)
महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में अंतर
महाशिवरात्रि और शिवरात्रि को अक्सर एक ही मान लिया जाता है, लेकिन ये दोनों अलग-अलग पर्व हैं।
- महाशिवरात्रि साल में एक बार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है, जब भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
- शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। इस दिन भी शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का विशेष महत्व होता है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि को लेकर अनेक धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं:
- यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन शिवपुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- इस रात जागरण करने और शिव चालीसा, रुद्राष्टक, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
महाशिवरात्रि 2025 पर पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विधि विशेष होती है। इस दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रातभर जागरण कर महादेव का ध्यान करते हैं।
महाशिवरात्रि पर पूजा का सही तरीका:
- स्नान और संकल्प: प्रातः काल गंगा जल या शुद्ध जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा और भस्म चढ़ाएं: भगवान शिव को विशेष रूप से बेलपत्र, धतूरा और भस्म प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने से शिव कृपा प्राप्त होती है।
- धूप-दीप जलाएं और आरती करें: महादेव की आरती करें और भजन-कीर्तन करें।
- रात्रि जागरण: इस दिन रात्रि जागरण करने से विशेष पुण्य फल मिलता है।
- शिव मंत्रों का जाप: "ॐ नमः शिवाय" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
- भोग अर्पण: भगवान शिव को फल, मिष्ठान्न और पंचामृत का भोग अर्पित करें।
महाशिवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के लिए अलग-अलग समय के चार प्रहर होते हैं। इन प्रहरों में पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
जलाभिषेक का शुभ समय:
- सुबह: 06:47 से 09:42 बजे तक
- दोपहर: 11:06 से 12:35 बजे तक
- शाम: 03:25 से 06:08 बजे तक
रात्रि चार प्रहर पूजा का समय:
- पहला प्रहर: 26 फरवरी को 06:29 PM से 09:34 PM तक
- दूसरा प्रहर: 09:34 PM से 12:39 AM तक
- तीसरा प्रहर: 12:39 AM से 03:45 AM तक
- चौथा प्रहर: 03:45 AM से 06:50 AM तक
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से भक्तों के लिए फलदायी होता है। इसे करने से:
- जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
- स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
- वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
- भगवान शिव की कृपा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
1. भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
2. पूरे दिन व्रत रखें और सात्त्विक भोजन करें।
3. "ॐ नमः शिवाय" और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
4. जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
क्या न करें:
1. मदिरापान और नॉनवेज भोजन से दूर रहें।
2. बिना स्नान के पूजा न करें।
3. शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं।
4. किसी का अपमान या बुरी बातें न करें।
महाशिवरात्रि 2025 एक पावन पर्व है जो शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत, जागरण और भगवान शिव की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि सत्य, भक्ति और तपस्या से जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। इस महाशिवरात्रि पर शिव जी की कृपा पाने के लिए पूरे विधि-विधान से उनकी आराधना करें और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
"ॐ नमः शिवाय!"