भारतीय लोक संगीत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाली गायिका मैथिली ठाकुर एक ऐसा नाम है जो हर संगीत प्रेमी के दिल में गूंजता है। अपनी सुरीली आवाज़ और पारंपरिक संगीत के प्रति समर्पण के कारण उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी गायकी का जादू उनकी आवाज़, परंपरा और आधुनिकता के समागम में बखूबी झलकता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में हुआ। उनका परिवार संगीत की गहरी परंपराओं से जुड़ा हुआ है। मैथिली ने बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उनके पिता रमेश ठाकुर खुद एक प्रशिक्षित संगीतकार हैं और उन्होंने ही अपनी बेटी को संगीत के प्रति प्रेरित किया।
परिवार का संगीत से जुड़ाव:
उनके परिवार में संगीत को जीवन का अहम हिस्सा माना जाता है। मैथिली के दोनों छोटे भाई, ऋषभ और अयाची, भी संगीत में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
ऋषभ तबला वादक हैं, जबकि अयाची गायक हैं।
ऋषभ तबला वादक हैं, जबकि अयाची गायक हैं।
मैथिली ठाकुर फैमिली via इंस्टाग्राम
बचपन से ही मैथिली को भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत और भजन गाने का शौक था। उनकी प्राथमिक शिक्षा मधुबनी में हुई, लेकिन संगीत के प्रति उनके जुनून ने उन्हें बाकी बच्चों से अलग बना दिया।
संगीत की शुरुआत
मैथिली ने अपने करियर की शुरुआत बहुत छोटी उम्र में कर दी थी। उनकी प्रतिभा को निखारने और मंच तक लाने में उनके पिता का अहम योगदान रहा।
पहला मंच प्रदर्शन:
बहुत छोटी उम्र में ही उन्होंने स्थानीय आयोजनों में गाना शुरू कर दिया था। लोगों ने उनकी सुरीली आवाज़ और मंच पर आत्मविश्वास को खूब सराहा।
मैथिली ठाकुर अपने पापा के साथ खड़ी है via इंस्टाग्राम
2015 में, उन्होंने "आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार" प्रतियोगिता में भाग लिया और इसे जीतकर पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इस जीत के बाद, उन्होंने यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ मिलकर अपना पहला एल्बम "हां रब्बा" रिलीज़ किया।
रियलिटी शो और प्रसिद्धि
मैथिली की असली प्रसिद्धि 2017 में रियलिटी शो "राइजिंग स्टार" से हुई। इस शो में उन्होंने अपनी प्रतिभा से दर्शकों और जजों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
फाइनल तक का सफर:
मैथिली ने फाइनल में अपनी जगह बनाई और सीधे प्रवेश किया। हालांकि, वह केवल दो वोटों से हारकर दूसरे स्थान पर रहीं।
इंटरनेट पर बढ़ती लोकप्रियता:
शो खत्म होने के बाद, उनकी इंटरनेट पर लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। उनके गाने और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे।
लोकप्रियता और सोशल मीडिया की ताकत
मैथिली ठाकुर ने सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग किया और इसे अपनी कला दुनिया तक पहुँचाने का माध्यम बनाया।
फेसबुक: उनके पेज पर 9 मिलियन से अधिक फॉलोअर हैं।
यूट्यूब: उनके चैनल के 2.5 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।
इंस्टाग्राम: 2 मिलियन से अधिक अनुयायी।
उनके गानों और लाइव सेशंस को लाखों लोगों ने सराहा। उनके वीडियो को 7 मिलियन से अधिक व्यूज़ मिले।
संगीत की शैली और विशिष्टता
मैथिली की गायकी भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत का एक अद्भुत संगम है।
लोक संगीत:
मैथिली और भोजपुरी गानों के साथ-साथ वह बंगाली, पंजाबी और अन्य भारतीय भाषाओं के लोक संगीत को भी प्रस्तुत करती हैं।
शास्त्रीय संगीत:
उनकी गायकी की जड़ें भारतीय शास्त्रीय संगीत में गहराई तक जुड़ी हैं।
बॉलीवुड कवर:
वह विभिन्न बॉलीवुड गानों को भी अपने अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत करती हैं, जो दर्शकों को खूब पसंद आता है।
उनके गाने पारंपरिक धुनों को आधुनिकता के साथ जोड़ते हैं, जिससे उनकी शैली सभी वर्गों के लोगों को आकर्षित करती है।
परिवार और सहयोग
मैथिली ठाकुर का संगीत सफर उनके भाइयों के बिना अधूरा है।
ऋषभ ठाकुर:
तबला वादन में निपुण, ऋषभ हर प्रस्तुति में अपनी बहन का साथ देते हैं।
अयाची ठाकुर:
गायक और सहायक कलाकार के रूप में अयाची का योगदान महत्वपूर्ण है।
यह तिकड़ी संगीत के क्षेत्र में एक अद्वितीय उदाहरण है, जो न केवल पारिवारिक प्रेम बल्कि कला के प्रति समर्पण को भी दर्शाती है।
सम्मान और उपलब्धियां
मैथिली ठाकुर को कई सम्मानों से नवाज़ा गया है, जो उनकी मेहनत और प्रतिभा को दर्शाते हैं।
मधुबनी का ब्रांड एंबेसडर:
2019 में, उन्हें और उनके भाइयों को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मधुबनी का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान:
उनकी संगीत यात्रा ने उन्हें देशभर में और विदेशों में भी प्रसिद्ध किया।
मैथिली के गानों का प्रभाव
मैथिली ठाकुर के गाने भारतीय संस्कृति, परंपरा और लोक धुनों की एक झलक पेश करते हैं।
छठ गीत:
उनके छठ गीतों को विशेष रूप से सराहा जाता है।
कजरी और ठुमरी:
पारंपरिक कजरी और ठुमरी गाने उनके श्रोताओं को भारतीय संगीत की गहराई का अनुभव कराते हैं।
बॉलीवुड गाने:
उनके बॉलीवुड कवर गाने युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
भविष्य की योजनाएं
मैथिली ठाकुर भारतीय लोक संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नए प्रोजेक्ट्स:
वह शास्त्रीय और लोक संगीत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं।
संगीत के प्रति जागरूकता:
उनका लक्ष्य भारतीय संगीत के महत्व को बढ़ावा देना और लोक संगीत को संरक्षित करना है।
मैथिली ठाकुर भारतीय संगीत जगत की एक अनमोल धरोहर हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा ने उन्हें एक ऐसी ऊँचाई पर पहुँचाया है, जहाँ से वह देश और दुनिया में भारतीय संगीत की गूँज को और दूर तक ले जा सकती हैं। उनका संगीत प्रेमियों के लिए न केवल मनोरंजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक भी है।
मैथिली ठाकुर की यात्रा हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने का जुनून रखता है। उनके गाने भारतीय संगीत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को संजोए रखने का एक प्रयास हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगा।