नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। इस फैसले की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों को दी है।
यह कदम डॉ. सिंह के ऐतिहासिक योगदान और उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की स्मृति में उठाया गया है। 92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था, जिसके बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अंतिम संस्कार और स्मारक के संबंध में उचित कदम न उठाने का आरोप लगाया था।
स्मारक के लिए सरकार की प्रक्रिया
गृह मंत्रालय ने कांग्रेस के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री का स्मारक बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हालांकि, स्मारक के लिए स्थान चयन और ट्रस्ट गठन में थोड़ा समय लग सकता है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि स्मारक निर्माण की प्रक्रिया के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, जो इस कार्य को आगे बढ़ाएगा। सरकार स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान आवंटित करेगी, लेकिन इसमें कुछ प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
कांग्रेस के आरोप
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान कर रही है। पार्टी ने कहा कि अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान का चयन न करना डॉ. सिंह की प्रतिष्ठा को कमतर आंकने के बराबर है।
कांग्रेस के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनकी स्मृति में कोई भी देरी या अनदेखी उनके योगदान को कम आंकने जैसा होगा।
डॉ. मनमोहन सिंह का ऐतिहासिक योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार का नेतृत्व किया।
देश के वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने 1991 के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके कार्यकाल को आर्थिक स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
डॉ. सिंह एक विद्वान प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने राजनीति से परे रहकर देश के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। उनका नेतृत्व हमेशा से विनम्र और परिणामोन्मुखी रहा है।
अंतिम संस्कार के लिए राजकीय सम्मान
गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, "पूर्व प्रधानमंत्री को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। यह आयोजन उनकी महान सेवा और योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया जाएगा।"
स्मारक के महत्व पर विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक न केवल उनके योगदान को मान्यता देते हैं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का भी काम करते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के मामले में, उनका स्मारक उनके आर्थिक सुधारों और देश के विकास में उनके योगदान का प्रतीक होगा।
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक प्रधानमंत्री थे, बल्कि एक विचारशील नेता और एक महान अर्थशास्त्री थे। उनका स्मारक उनकी विनम्रता, कड़ी मेहनत, और दृढ़ निश्चय की याद दिलाएगा।"
सरकार की प्राथमिकता
गृह मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान करना सरकार की प्राथमिकता है। मंत्रालय ने कांग्रेस से अपील की कि इस मुद्दे पर राजनीति न की जाए और प्रक्रिया को समय पर पूरा होने दिया जाए।
स्मारक निर्माण में लगने वाला समय
स्मारक निर्माण के लिए स्थान चयन और अन्य प्रक्रियाओं में समय लगना स्वाभाविक है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार पहले ही इस संबंध में कदम उठा चुकी है और कांग्रेस को सूचित भी कर चुकी है।
हालांकि, उचित स्थान चुनने और निर्माण कार्य शुरू करने में कुछ सप्ताह या महीने लग सकते हैं। इस दौरान, सरकार डॉ. सिंह के परिवार और कांग्रेस पार्टी के साथ समन्वय बनाए रखेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके स्मारक का निर्माण उनकी महानता और देश के लिए उनके योगदान का सम्मान होगा।
केंद्र सरकार का यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों को उनके आदर्शों और उपलब्धियों से प्रेरित करेगा। हालांकि, इसके साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्मारक निर्माण में किसी प्रकार की देरी या विवाद न हो।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन, उनकी सोच, और उनकी उपलब्धियां हमेशा भारत के इतिहास में दर्ज रहेंगी। उनका स्मारक उनकी स्मृति को संजोने और उनके योगदान को चिरस्थायी बनाने का एक माध्यम बनेगा।
यह लेख द ट्रेंडिंग पीपल द्वारा प्रकाशित किया गया है।