नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित इनकम टैक्स बिल 2025 कर प्रणाली में बड़े बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है। यह नया कानून अप्रैल 1, 2026 से लागू होने की संभावना है। नए बिल में 600 पेज, 23 अध्याय, 16 अनुसूचियां और 536 धाराएं शामिल हैं।
क्या है इनकम टैक्स बिल 2025?
इनकम टैक्स बिल 2025, वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट 1961 को बदलने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसके लागू होने के बाद, यह आधिकारिक तौर पर इनकम टैक्स एक्ट 2025 कहलाएगा। इसका उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना, कानूनी विवादों को कम करना और डिजिटल टैक्स प्रशासन को मजबूत बनाना है।
मुख्य प्रस्तावित बदलाव
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कर निर्धारण वर्षों में बदलाव
नए बिल में 'वित्तीय वर्ष', 'पिछला वर्ष' और 'आकलन वर्ष' जैसे शब्दों को हटाकर केवल एक शब्द 'टैक्स ईयर' रखा गया है। यह टैक्स ईयर 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा और 31 मार्च 2027 को समाप्त होगा। -
छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए राहत
- स्टार्टअप्स और नए व्यवसायों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने पर जोर दिया गया है।
- टैक्स विवादों को कम करने के लिए ESOPs (Employee Stock Option Plans) पर स्पष्ट कर प्रावधान जोड़े गए हैं।
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संक्षिप्त और स्पष्ट कर कानून
- मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में कुल 298 सेक्शन हैं, जबकि नए बिल में 536 धाराएं होंगी।
- नए बिल में टेक्स्ट को सरल किया गया है ताकि आम नागरिक भी इसे आसानी से समझ सकें।
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CBDT को अधिक अधिकार
- नए कानून के तहत, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को नई योजनाओं, टैक्स प्रशासन नियमों, और अनुपालन उपायों को लागू करने की स्वतंत्रता दी गई है।
- इससे सरकार को बार-बार संसद में संशोधन लाने की आवश्यकता नहीं होगी।
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डिजिटल कर प्रशासन
- डिजिटल कर प्रशासन को मजबूत करने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाएगा।
- कर चोरी रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
स्टॉक मार्केट और निवेशकों के लिए बदलाव
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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर कोई बदलाव नहीं
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की अवधि 12 महीने ही रखी गई है।
- STCG पर कर की दर 20% रहेगी।
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नए निवेश कर नियम
- शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, और बॉन्ड्स में निवेश करने वाले लोगों के लिए कराधान नियम अधिक स्पष्ट किए गए हैं।
क्यों जरूरी था नया इनकम टैक्स बिल?
- 1961 के पुराने कानून में सैकड़ों संशोधन हुए हैं, जिससे यह जटिल हो गया था।
- नई प्रणाली से करदाता और व्यवसायों को ज्यादा स्पष्टता मिलेगी।
- डिजिटल इंडिया अभियान के तहत कर प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
- विवादों और मुकदमों को कम करने के लिए स्पष्ट कानूनी भाषा का उपयोग किया गया है।
नए बिल के संभावित फायदे
- कर अनुपालन आसान होगा।
- डिजिटल टैक्स सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी।
- कानूनी विवादों में कमी आएगी।
- व्यवसायों के लिए अनुकूल वातावरण बनेगा।
- CBDT को स्वायत्तता मिलने से नियम अधिक प्रभावी बनेंगे।
क्या होगा आगे?
- यह बिल गुरुवार को संसद में पेश किया जाएगा।
- संसद में पेश होने के बाद इसे स्थायी समिति को भेजा जाएगा।
- समिति इसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है।
- अंतिम मंजूरी के बाद यह 1 अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा।
इनकम टैक्स बिल 2025 भारतीय कर प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। इससे करदाता, व्यवसाय और सरकार सभी को लाभ होगा। अब देखना यह होगा कि यह बिल किस रूप में पास होता है और कर प्रणाली को कैसे प्रभावित करता है।