मकर संक्रांति भारत और नेपाल के प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नाम और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह दिन सूर्य की उत्तरायण यात्रा का आरंभ भी माना जाता है। इस वर्ष, मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति 2025: तिथि और समय
पर्व | तिथि और समय |
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मकर संक्रांति | 14 जनवरी 2025, मंगलवार |
पुण्य काल | 09:03 से 17:46 |
महा पुण्य काल | 09:03 से 10:48 |
मकर संक्रांति का क्षण | 09:03 |
पुण्य काल और महा पुण्य काल को धार्मिक और दान-पुण्य के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव की आराधना और फसल की खुशहाली का उत्सव है। यह पर्व प्रकाश पर अंधकार की विजय, समृद्धि, कृतज्ञता और नवीकरण का प्रतीक है। धार्मिक दृष्टिकोण से, इसे नए कार्यों की शुरुआत और आध्यात्मिक साधना के लिए शुभ समय माना जाता है।
क्षेत्रीय विविधताएं
- तमिलनाडु: इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं, जिसमें विशेष मीठे पकवान बनाकर सूर्य देव को अर्पित किए जाते हैं।
- गुजरात और राजस्थान: इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है और इस दिन पतंगबाजी का उत्सव मनाया जाता है।
- पंजाब और हरियाणा: इसे 'माघी' कहा जाता है, जिसमें पवित्र नदियों में स्नान और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया जाता है।
- पश्चिम बंगाल: यहां गंगा सागर मेले का आयोजन होता है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान और पूजा अर्चना करते हैं।
मकर संक्रांति की धार्मिक परंपराएं
- पवित्र स्नान: गंगा, यमुना, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है।
- दान: पुण्य काल में वस्त्र, भोजन और धन का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- श्राद्ध: पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है।
- व्रत और पारण: लोग व्रत रखते हैं और पुण्य काल के दौरान इसे तोड़ते हैं।
मकर संक्रांति का संदेश
मकर संक्रांति केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो जीवन में कृतज्ञता, उत्साह और सामूहिकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह पर्व हमें सूर्य और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने और आपसी भाईचारे को मजबूत करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस मकर संक्रांति पर हम सभी एकजुट होकर खुशियां मनाएं और जरूरतमंदों की मदद करें।